एक दिया मेरी इस शुभकामना का दीपावली पर निबंध हिंदी में: Essay on Deepawali in Hindi. एक कोने में एक दिया जलाना ज़रूर दोस्तों आशा करते हैं आपको दिवाली एस्से इन हिंदी पसंद आया होगा| हमने दिवाली का त्यौहार, दीपावली का महत्व ओर दिवाली पर छोटा निबंध के बारें में लिखा है| आये जब याद हमारी थोड़ा सा मुस्कुरा देना आज हम दिवाली पर निबंध हिंदी में पढेंगे, hindi nibandh on diwali diwali par nibandh in hindi. हर दिन आपके लिए लाये दिवाली का त्योहार।” – हैप्पी दिवाली, “धन की वर्षा हो इतनी की हर जगह आपका नाम हो दिन रात आपको व्यापार में लाभ हो यही शुभकामना है हमारी ये दिवाली आपके लिये बहुत ख़ास हो।”, “देवी महालक्ष्मी और गणेश जी की कृपा से आपके घर में हमेशा उमंग और आनंद की रौनक हो इस पावन मौके पर आप सब को दीपवाली की हार्दिक शुभकामनाएं।”, “गुल ने गुलशन से गुलफाम भेजा है जीवन में नई खुशियों को लाना दिल में भर जाए एहसास खुशी का 18 November 2020 Current Affairs in Hindi. हो आपके दिवाली की शुभकामना अपार।” – हैप्पी दिवाली, “सबके लिए हैं मनचाहे उपहार, मीठे – मीठे स्वादिष्ट पकवान कराता सबका मिलन हर साल, दिवाली का पर्व सबसे महान।” – Diwali Essay in Hindi, “जितने हैं आसमान में सितारे, उतनी जिंदगी हो तुम्हारी, किसी की बुरी नजर न लगे, हर कामयाबी कदम चूमें तुम्हारे, आज दिन है दिल से दुआ देने का, तुम सदा खुश रहो ये ही इल्तिजा है मेरी।” – सभी सैनिक भाईयों को दिपावली की ढेरों शुभकामनाऐं, दीवाली का पर्व ना सिर्फ आस्था और धर्म से जुड़ा हुआ है बल्कि ये इसका संबंध हमारे जीवन और हमारी भावना से भी है। हिन्दू धर्म की पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन भगवान राम ने, अपने 14 वर्ष के वनवास के समापन करने के पश्चात अपने राज्य अयोध्या में वापसी की थी। जिनके स्वागत में सम्पूर्ण अयोध्यावासियों ने घी के दिये जलाकर उनका स्वागत किया था। भगवान राम ने रावण का वध कर के सम्पूर्ण संसार को बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया था।, ये बातें भले ही आज के युग मे एक पौराणिक कथा के रूप में जानी जाती है लेकिन भगवान राम द्वारा दिया गया बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश आज के समय मे भी बिल्कुल सत्य साबित होता है। दीवाली सिर्फ़ हिंदुओ का ही त्योहार नही है बल्कि ये सम्पूर्ण समाज और विश्व का त्योहार है, ये हर उस व्यक्ति और सोच का त्योहार है जो कि इस बात में विश्वास रखते है कि किसी भी हाल में “बुराई पर अच्छाई की जीत” हो के ही रहती है।, इसीलिए दीवाली के दिन न सिर्फ हिन्दू बल्कि अन्य धर्म वाले लोग भी एक दूसरे को इसकी शुभकामनाएं देते हुए नज़र आते हैं। Diwali Essay in Hindi ऐसे में आज हम आपके लिए कुछ ऐसे Diwali Messages In Hindi लेकर आये है जिनके मध्याम से आप किसी को भी दीवाली की शुभकामना का संदेश भेजकर उन्हें ख़ुशी का अनुभव करा सकते हैं।, “लाई दिवाली रिश्तों के प्यारे एहसास, खुशियों के दिन ही होते हैं खास, कैसे जगमग दिए चमके चारों ओर, दिवाली के दिन खुशी से होती है भोर।” – हैप्पी दिवाली, “जो कभी मैं रूठ जाऊं तो मुझे मना लेना, कल को हम पास हो न हों तुम्हारे, इस दिवाली मेरे नाम का दिया जला लेना।” – Diwali Essay in Hindi, “घर भर जाए अपार लक्ष्मी से खुशियां मिले जग से, दौलत मिले रब से You will find results for Diwali essay in Hindi or Hindi Essay about Diwali. दिवाली के इस त्योहार को बस खुशियों से मनाना।” – हैप्पी दिवाली, “दिवाली आई, मस्ती छाई, आज पूरा देश आपकी वीरता और सैन्य बल को नमन करता है, देश की रक्षा में आपका योगदान अद्वितीय है।”, “ताकत वतन की हमसे है आंगन में दिया, खुशियां हो तमाम YourHindiQuotes.com, वैसे तो सभी त्योहार खुशियों और उल्लास से भरपूर होता हैं, लेकिन, दीपावली हर साल कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष को मनाई जाती है। भगवान श्री राम इसी तिथि को अपने, इस त्योहार को मनाने की तैयारी इसके आने के कई दिन पहले से ही शुरू हो जाती है। दीपावली के पहले हि लोग अपने घरों की साफ- सफाई तथा, दीपावली खुशियों और उत्साह का पर्व हैं। इस दिन हम सभी को एक दूसरे के साथ मिलकर ख़ुशी मनाना चाहिए। अगर हमारें मन मे किसी के प्रति कोई द्वेष या नफरत है तो इस दिन हमे इन सब चीज़ो को भूलकर, प्यार और अच्छाई का संदेश देना चाहिए।, मुस्कान लाने की तरक़ीब बताने वाले है। आप इस दीवाली पर अपने प्यारें दोस्तों तथा जानने वाले लोगो को दीवाली की शुभकामनाएं यहाँ पर दिए गए, इसके साथ ही जो लोग घर से दूर है और किसी कारणवश इस दीवाली पर आपके साथ नही रह पाएंगे, उन्हें भी जब आप ये, भेजेंगे तो उन्हें भी आपकी कमी बिल्कुल नहीं खलेगी और उन्हें आपके बिल्कुल पास होने का अनुभव होगा।, यह दीपों का पर्व है, इसका सुनहरा अर्थ है, पर मन का अंधेरा न मिट सके तो, दीपों का जलाना व्यर्थ है।. आज हम विद्यालय में पढ़ रहे सभी छात्रों के लिए दीपावली पर निबंध 'Diwali Essay' लेकर आये है जिसको आप अपने स्कूल में दिखा सके और भाषण के रूप में इस्तेमाल कर सके। दुःख दर्द सारे भूलकर सबको गले लगाना परिवार में बना रहे स्नेह और प्यार, जली फुलझड़ियां, सबको भाए।” – हैप्पी दिवाली, “मुस्कुराते हंसते दीप तुम जलाना दीपावली पर निबंध Essay on Diwali in Hindi for students, child in 200, 250, 300, 400 and 600 words. खुशी का मौसम है चारों दिशाओं में अब आँखें खोलो देखो एक मैसेज आया है Deepawali Essay: मेरा प्रिय त्योहार दीपावली, पढ़ें हिंदी में निबंध. दिवाली की शुभकामना साथ लाया है।” – हैप्पी दिवाली, “माता तुम आ जाओ लेकर कुमकुम के कदम Essay on Diwali in Hindi | हिंदी में दिवाली पर निबंध - इस पोस्ट में दिवाली पर एक वृहद लेख हैं, यह दिवाली पर निबंध लिखने में आपकी मदत करेगा. ऐसे में दीपावली पर पटाख़ों का प्रयोग कम से कम ही करना चाहिए। इस दिन को दिए जलाकर तथा चारों तरफ़ प्रकाश फ़ैलाकर ख़ुशी- खुशी मनाया जाना चाहिए। Diwali Wishes In Hindi : दी दुःख दर्द अपने भूलकर’ छठ पूजा की कहानी विधि तथा पौराणिक कथाएं- Chhath Puja in Hindi, How become topper in Hindi-टॉपर कैसे बने इन हिंदी. दिवाली पर निबंध | Diwali Essay in Hindi : दीपावली का निबंध हिंदी में यहां से पढ़ें Diwali Essay in Hindi इस पेज से पढ़ें। हर इक घर में चमक की मस्ती छाई।” – हैप्पी दिवाली, “दीपक की रौशनी मिठाइयों की मिठास सबको गले लगाना, सबको गले लगाना।” – हैप्पी दिवाली, “तमाम जहां जगमगाया, फिर से त्योहार रोशनी का आया, कोई तुम्हें हमसे पहले न दे दे बधाईयां, इसलिए ये पैगाम ए मुबारक सबसे पहले भिजवाया।” – Diwali Essay in Hindi, “जगमग – जगमग दीपों की माला, दिवाली के इस अवसर पर हो खुशियों का उजाला।” – Diwali Essay in Hindi, “कुमकुम भरे कदमों से आएं लक्ष्मी जी आपके द्वार, सुख सम्पत्ति मिले आपको अपार, इस दिवाली मां लक्ष्मी करें आपकी सारी तमन्नाएं स्वीकार।” – हैप्पी दिवाली, Happy Diwali in Hindi for Indian Soldiers, साहस, शौर्य, वीरता के पर्याय जवानों को दिवाली की बधाई। देश के लिए प्राण न्योछावर करनेवाले जवानों का राष्ट्र सदा ऋणी रहेगा।Sandesh2Soldiers हम चैन से अपने घरों में रहते है क्योँकि आप बॉर्डर पर है। मेरे परिवार के तरफ से भारतीय सेना को देश के सेना के जवानो और नवजनो को मेरी तरफ से दीवाली की हार्दिक शुभ कामनाए और सभी को Happy Diwali , “एक दीप जलाओ उनके नाम, जिन्होंने वतन के वास्ते अपनी जान लुटा दी, एक दीप जलाओ उनके नाम, जिन्होंने देश के दुश्मनों की हस्ती मिटा दी।” Happy Diwali Indian Soldiers, “दिपावली हमारे वीर जवानों के उन परिवारों के लिए मगंलमय हो, हमारे सभी मित्र और उनके परिवार के लिए दिपावली ढेरों खुशियां लाकर नवजीवन का सचांर करे।”, “सीमा पर तैनात हमारे जाँबाज़ सैनिकों एवं उनके परिवारों को दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएँ ! Learn how your comment data is processed. Your email address will not be published. होती रहे सदा अपार धन की बौछार, दीपावली में सबकुछ प्रदूषण मुक्त होना चाहिए. #12. दीपावली पर निबंध : पहली कक्षा से लेकर बारवीं तक कि परीक्षाओं में एक निबंध जरूर ही आता हैं जो सब को करना अनिवार्य होता हैं। जो छात्र निबंध नही लिख पटाखों की बौछार धन-धान की बरसात Deepawali– दीपावली जगमगाती दीपो का त्यौहार है | और इस त्यौहार को हम दिवाली के नाम से जानते है |दीपावली [Deepawali] के दिन चारो और तरह-तरह के रंग-बिरंगी लाइटो से पूरा ब्रह्माण्ड जगमगा उठता है | पूरी दुनिया रंग-बिरंगी प्रकाश-पुंज से नहा जाती है | चारो तरफ पटाखों के धूम -धडाका की आवाजे आती रहती है |, दीपावली एक हिन्दुत्व धार्मिक त्यौहार है| और इस त्यौहार हिन्दू धर्मो के आलावा और भी कई धर्मो के लोग बहुत ही धूम-धाम से मानते है, जैसे-जैन, सिख, बौद्ध इत्यादि |, दुर्गा पूजा के 16 दिन के बाद दीपावली का त्यौहार आता है | दुर्गा पूजा के बाद से ही दीपावली की तैयारी सुरु हो जाती है | ये एक प्रकाश पर्व है, और हम द्वीप जलाकर हम अपने मन के अंधकार को उजाले की तरफ लेकर जाते है |, दीवाली के दो महीना पहले से ही लोग तैयारी शुरू कर देते है और घरों एवं अपने आस-पड़ोस के वातावरण को साफ़-सुथरा करने लग जाते है, कुछ लोग पेंट करवाने लग जाते है |वे अपने घरों के दिवालो पर तरह तरह के रंगो से सजाते है |, दुर्गा पूजा के सोलह दिन के बाद दीपावली आता है | दीपावली एक सप्ताह पहले से ही वातावरण खुशनुमा हो जाता है, वातावरण में ऐसा लगता है, माँ लक्ष्मी धरती पर पधार कर दिवाली का आनंद लेने आ गई है |, दीपावली में हम माँ लक्ष्मी जी की पूजा करते है , ये धन की देवी है, ऐसा मान्यता है की अगर माँ लक्ष्मी हमारे ऊपर मेहरबान हो जाय तो हमारे घर को धन-धान्य से परिपूर्ण कर देगी | इसलिए हम माँ लक्ष्मी की पूजा हम तन-मन और धन से करते है |, दिवाली पूजा हमारे भारत बर्ष में हर घर में उल्लास के साथ मनाते है | लेकिन दिवाली पूजा खाश करके व्यापारियों के लिए ही है और व्यापारी वर्ग के लोग इसे ज्यादा ही महत्व देते है |, वैसे तो देखा जय तो दिवाली का हमारे देश में बहुत ही महत्व है | किसान भाई एक लम्बे अरसे से कृषि कार्य में व्यवस्ता से और गर्मी सीजन से फ्री होकर इस त्यौहार को मानते है, जैसे एक लम्बी यात्रा के बाद थके हुए के लिए त्यौहार उसके जीवन में खुशियों का नया संचार लेकर आता है |, व्यापारी वर्ग इस त्यौहार का इंतजार करते है और कहते है दिवाली कब आएगी | ताकि वे इस त्यौहार में आपके उत्पाद को बेचने के लिए तरह तरह के सेल लगा सके और अपने उत्पाद को ज्यादा से ज्यादा से बेचते है और मुनाफा कमाते है |, बच्चे और औरते जमकर खरीददारी करती है, वो पूरा साल इंतजार करती है और अपने पति देव से मांगती है और उनकी वो इच्छा दिवाली में पूरा होता है | जो गृहिणिया होती है वो बर्तन वगैरह खरीद करती है | इस प्रकार देखे तो इस त्यौहार का लोग एक लम्बे समय से इंतजार कर रहे होते है |, घर में तरह-तरह के मिठाई खरीद कर लाते है जैसे-लड्डू, पेंडा , बर्फी, गुलाब-जामुन आदि | सेठ-साहूकार लोग अपने नौकर को मिठाई का डब्बा और कुछ पैसे बोनस के तौर पर उपहार देते है, जिसे उनको इंतजार रहता है, वे सोचते रहते है दिवाली के बोनस से टीवी , फ्रिज या मोबाइल खरीदूंगा या बीबी के लिए गहने लाऊंगा आदि |, दिवाली पर अपने ख़ुशी का इजहार पटाखे आदि जलाकर करते है, महिलाये घर के दरवाजे पर तरह-तरह के रंगोली आदि बनती है | बच्चे और वयस्क अपने घर के चारो तरफ मोमबती जलाते है, तथा कई तरह के आतिशबाजी लाकर उसे जलाते है, फोड़ते है |, दिवाली पर कई पौराणिक कथाएँ जुडी है। हमारा भारत देश पर देवताओ ने जन्म लिया है, और वे मर्यादा पुरुषोतम हुए जिनकी गाथा गाते हमारी जिहवा नही थकती।, एक कथा के अनुसार अयोध्या के महाप्र्तापी राजा दशरथ के चार पुत्र हुए, उनमे राम सबसे बडे थे। मां केकेयी के कहने पर राजा दशरथ ने मर्यादा पुरुषोतम राम जो उनके प्राणो से प्रिय थे, 14 बर्ष का बनवास दे दिया।, अपने पिता की आज्ञा का पालन करते हुए, वे वन को चले गए, उनके साथ में माता सीता और भाई लक्ष्मण भी साथ मे गए ।, वनवास की 14 बर्ष की अवधि आराम से दंडक बन में बिताए, अन्तिम समय में जब केवल 1 साल वनवास की अवधि शेष रह गया था, उस समय लंकापति रावण जो असुरों के सम्राट थे, सीता माता को छल से हरकर लंका ले गया ।, फ़िर भगवान राम ने वानरो के राजा सुग्रिव से दोस्ती करके वानरों की एक विशाल सेना का संगठन करके लंका पर चढाई कर दी, और रावण के साथ उसके कुल का विनाश कर दिया, और सीता माता को वापस लेकर आए। और इस प्र्कार 14 बर्ष की अवधी पुरा हो गया और ये अवधि पुरा होते ही वे अयोध्या लौट आए। इस खुशी मे अयोध्यावासी ने अपने राजा के स्वागत के लिए चारो तरफ़ साफ़-सफ़ाई करवाई और द्वीप जलाकर स्वागत की ।, इसी खुशी में पुरा नगरवाशी ने घी के दिए जलाए । और वो तिथि पाचांग के अनुसार कार्तिक माह के अमवस्या कि तिथि थी ।और हम सब दीवाली का त्योहार तबसे मनाते आ रहे है । यहां पर भगवान राम बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।, महाभारत के अनुसार जुए के खेल में कौरवो ने जब पांडवो को हराकर उनका सब राजपाट छिन्न लिया और उसे 12 बर्ष वनवास और 1 बर्ष अज्ञातवास काटकर जब हस्तिनापुर वापस लोटे थे उसी ख़ुशी में प्रजाजनों ने ख़ुशी से घी के दिए जलाए थे |, कुछ लोग दीवाली के दिन माँ लक्ष्मी का जन्म दिन भी मानते है , जब समुन्द्र मंथन हुआ था तब लक्ष्मी जी का आविर्भाव हुआ था | तब से दिवाली त्यौहार हम मनाते है समुन्द्र मंथन में धन्वंतरि जी का भी उद्भव हुआ था जो औषधि के देवता है |, दीवाली के पहला दिन को धनतेरस या धन त्रेयोदशी कहते है, इस दिन महालक्ष्मी की पुजा करते है, भक्तगन भजन गाते है, आरती उतारते है मंत्रोचारन करते है तथा प्रसाद का वितरण करते है । दुसरे दिन को छोटी दीवाली या नारक चतुर्दशी भी कहते है, इसी दिन का बडा ही मह्त्व है। कहते है इसी दिन द्वारकाधिष भगवान कृष्ण की पुजा होती है, क्योकिं इसी दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था, तथा अपने माता-पिता तथा गोकुलवासियों की रक्षा की थी ।, जैन धर्म के अनुसार जैनियों के चौबीसवें तीर्थंकर, महावीर स्वामी को इस दिन मोक्ष की प्राप्ति हुई थी तथा उनके प्रथम शिष्य, गौतम गणधर को ज्ञान प्राप्त हुआ था।, सिक्ख धर्म में भी इसका खाश महत्त्व है क्योकि इसी दिन ही अमृतसर में सन 1577 में स्वर्ण मन्दिर का शिलान्यास हुआ था और सन 1619 में दीवाली के ही दिन सिक्खों के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को जेल से रिहा किया गया था।, आर्य समाज संस्थापक महर्षि दयानन्द ने दिवाली के दिन अजमेर के निकट अपने शरीर को त्याग दिया था |, दीन-ए-इलाही के प्रवर्तक मुगल सम्राट अकबर ने अपने शासनकाल में दौलतखाने के सामने 40 गज ऊँचे बाँस पर एक बड़ा आकाशदीप दीपावली के दिन लटकाया था। बादशाह जहाँगीर भी दीपावली त्यौहार को धूमधाम से मनाते थे। मुगल वंश के अंतिम सम्राट बहादुर शाह जफर दीपावली को त्योहार के रूप में मनाते थे और इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों में वे भाग लेते थे। शाह आलम द्वितीय के समय में समूचे शाही महल को दीपों से सजाया गया था एवं लालकिले में कार्यक्रम आयोजित करते थे जिसमे हिन्दू-मुसलमान दोनों ही भाग लेते थे।, दिवाली के दिन धनतेरस को खरीददारी करना शुभ मानते है, इसलिए इस दिन हर वर्ग के लोग कुछ न कुछ खरीद दरी करते है | जैसे:- कपडे , वर्तन, गहने , पटाखे , मिठाई इत्यादि, भारत देश के आलावा दीवाली का त्यौहार श्रीलंका, पाकिस्तान, म्यांमार, थाईलैंड, मलेशिया, सिंगापुर, इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, मॉरीशस, केन्या, दक्षिण अफ्रीका, कनाडा, ब्रिटेन शामिल संयुक्त अरब अमीरात, और संयुक्त राज्य अमेरिका में मनाया जाता है ।, निष्कर्ष :– दीवाली का त्यौहार चार दिन पहले दे ही शुरू हो जाता है, पहल दिन धनतेरस आता है उस दिन बाजारों में गजब का रौनक रहता है, लोग उस दिन जमकर खरीद दारी करते है , क्योकि उनका मानना है इस दिन कुछ न कुछ खरीदना चाहिए , क्योकि लक्ष्यमि धन-वैभव की देवी है | इस दिन घर के द्वार पर एक मिटी के दीपक जलाया जाता है |, दूसरे दिन को छोटी दीवाली कहते है उस दिन यम के पूजा के लिए दीपक जलाये जाते है, उसके अगले दिन बड़ी दिवाली जिसे हम दिवाली कहते है | इस दिन सुबह से ही घर में तरह तरह के पकवान बनाये जाते है, और बाजार में मिठाई की दुकान सज जाती है, तथा बाजर में आतिशवाजी की भी दुकाने सजी होती है | मेले का भी आयोजन होता है |, शाम होते ही लोग अपने घरों के चारो और मोमबत्ती जलाते है और पटाखे जलाते है लोग ख़ुशी से पागल होते है | कार्तिक माह के अँधेरी रात में भी पूर्णिमा से भी ज्यादा उजाला दिखाई देता है , लोग रात भर जागते रहते है तथा कुछ लोग जुआ भी खेलते है |, दीवाली के अगले दिन भगवान कृष्णा ने अपने यह अंगुली से गोवर्धन पर्वत को उठाकर गोकुलवासी की रक्षा की थी , तथा भेया दूज का त्यौहार आता है | व्यापारी वर्ग के लोग अपने प्रतिष्ठान में पूजा करते है, दिवाली के बाद उनका नया साल चालू हो जाता है वे अपने खाता बही को बदल देते है |, दिवाली का त्यौहार हर्ष उल्लास और प्रेम तथा सौहार्द बढ़ता है, इसमे बुराई पर अच्छाई की जीत, धर्म का अधर्म पर जीत का त्यौहार है | लोग मिठाई कहते है तथा खिलते भी है , आपसी भाई चारे का त्यौहार है |, इस दिन पकवानों तथा मिठाइयों की खूब बिक्री होती है। बच्चे अपनी इच्छानुसार बम, फुलझड़ियां तथा अन्य पटाखे खरीदते हैं और बड़े बच्चों द्वारा किये गए आतिशबाजी का आनंद उठाते है।, वायु प्रदूषण :- दिवाली में जो तरह तरह के पटाखे जलने से कचरा धुवां वायुमंडल के हवा से साथ मिलकर हमारे प्राणदायिनी हवा को असुद्ध कर देती है जहरीली बना देती है और वो जहरीली हवा को हम साँस लेते है इससे हमारे फेफड़े एवं दमा की बीमारी होती है |, हमें वायुमंडल का विशेष ध्यान देना चाहिए इसके लिए हमें ग्रीन पटाखे जलना चाहिए ग्रीन पटाखे धुवां काम छोड़ता है और वे एक फ्रैंडली होता है |.
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